तुम न घबराओ न आंसू ही बहाओ अब
और कोई हो न हो, पर मैं तुम्हारा हूँ |मैं खुशी के गीत गा-गा कर सुनाऊंगा,
तुम न घबराओ..............................||
मानता हूँ ठोकरें तुमने सदा खाईं,
जिंदगी के दांव में, हारें सदा पाईं |
बिजलियाँ दुःख की, निराशा की सदा टूटीँ,
मन गगन पर वेदना की बदलियाँ छाईं |
पोंछ दूँगा मैं तुम्हारे अश्रु गीतों से,
तुम सरीखे बे-सहारों का सहारा हूँ |
मैं तुम्हारे घाव धो मरहम लगाऊँगा,
मैं विजय के गीत गा-गा कर सुनाऊंगा |
तुम न घबराओ..............................||
खा गई इंसानियत को भूख यह भूखी,
स्नेह ममता को गई पी प्यास यह सूखी |
जानवर भी पेट का साधन जुटाते हैं,
जिंदगी का हक़ नही है रोटियां रूखी |
और कुछ माँगो हँसी माँगो खुशी माँगो,
खो गए हो, दे रहा तुमको इशारा हूँ |
आज जीने की कला तुमको सिखाऊंगा,
जिन्दगी के गीत गा-गा कर सुनाऊंगा |
तुम न घबराओ..............................||
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